Who saved virat kohli career

कैसे एमएस धोनी और वीरेंद्र सहवाग ने विराट कोहली का करियर बचाया

विराट कोहली, जो आज क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं, अपने करियर के शुरुआती दौर में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे थे। 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उनके प्रदर्शन ने उनकी जगह भारतीय टेस्ट टीम में खतरे में डाल दी थी। लेकिन एमएस धोनी और वीरेंद्र सहवाग के अटूट समर्थन ने कोहली के करियर को एक निर्णायक मोड़ दिया।


विराट कोहली की कठिनाइयाँ

  1. ऑस्ट्रेलिया में खराब प्रदर्शन (2011-12):
    • पहले दो टेस्ट मैचों में विराट कोहली ने केवल 11, 0, 23 और 9 रन बनाए।
    • उनकी तकनीक और मानसिकता पर सवाल उठने लगे।
    • आलोचकों और चयनकर्ताओं ने उनकी टेस्ट क्रिकेट में जगह पर संदेह जताया।
  2. चयनकर्ताओं ने किया बाहर करने का विचार:
    • खराब फॉर्म के कारण चयनकर्ता कोहली को तीसरे टेस्ट से बाहर कर रोहित शर्मा को मौका देना चाहते थे।
    • कोहली का टेस्ट करियर अधर में लटक गया था।

एमएस धोनी का कोहली पर विश्वास

  1. प्रदर्शन पर भरोसा:
    • एमएस धोनी, जो उस समय टीम के कप्तान थे, ने कोहली को टीम में बनाए रखने पर जोर दिया।
    • धोनी का मानना था कि कोहली में प्रतिभा है और उन्हें खुद को साबित करने का समय मिलना चाहिए।
    • धोनी, जो खिलाड़ियों को संवारने के लिए जाने जाते हैं, ने कोहली में भविष्य का सितारा देखा।
  2. वीरेंद्र सहवाग का समर्थन:
    • उस समय के उप-कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने भी धोनी के फैसले का समर्थन किया।
    • सहवाग ने बाद में खुलासा किया कि उन्होंने और धोनी ने चयनकर्ताओं को कोहली को टीम में बनाए रखने के लिए राजी किया।

करियर का निर्णायक मोड़

  1. पर्थ टेस्ट (तीसरा टेस्ट):
    • कोहली को पर्थ में तीसरे टेस्ट में खेलने का मौका मिला।
    • उन्होंने पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 75 रन बनाए।
    • यह प्रदर्शन उनकी क्षमता और दबाव में खेलने की काबिलियत को दर्शाता है।
  2. एडिलेड में पहला शतक:
    • चौथे टेस्ट में एडिलेड में कोहली ने अपने करियर का पहला टेस्ट शतक (116 रन) लगाया।
    • वह उस सीरीज में शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी बने।

विराट कोहली का एमएस धोनी के प्रति आभार

विराट कोहली ने कई बार एमएस धोनी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा:
“एमएस धोनी ने कई बार मुझे टीम से बाहर होने से बचाया। उनके विश्वास ने मुझे बेहतर बनने और प्रदर्शन करने का आत्मविश्वास दिया।”


यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण था?

  1. आत्मविश्वास में बढ़ोतरी:
    • धोनी और सहवाग के समर्थन ने कोहली को अपनी क्षमता पर विश्वास करने और सुधार करने का अवसर दिया।
  2. सफलता की ओर पहला कदम:
    • ऑस्ट्रेलिया सीरीज में प्रदर्शन ने कोहली के करियर को नई दिशा दी और उन्हें विश्व क्रिकेट में पहचान दिलाई।
  3. धोनी का मार्गदर्शन:
    • धोनी के मार्गदर्शन ने न केवल कोहली का करियर बचाया बल्कि उन्हें भविष्य का कप्तान बनने के लिए तैयार भी किया।

नतीजा

आज, विराट कोहली क्रिकेट के सबसे सफल और प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी कहानी यह बताती है कि सही समय पर मिला समर्थन और विश्वास किसी के जीवन की दिशा बदल सकता है। यदि धोनी और सहवाग ने उस समय कोहली का समर्थन नहीं किया होता, तो शायद दुनिया उनकी महानता को कभी नहीं देख पाती।

यह कहानी यह भी दर्शाती है कि मुश्किल परिस्थितियों में आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन कैसे सफलता की कुंजी बन सकते हैं।

Leave a Comment

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now